Thursday, April 30, 2009

शिक्षा के क्षेत्र में यूपीए सरकार

भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन न केवल भारत बल्कि विश्व का सबसे बड़ा छात्र संगठन है, जो विश्व के सबसे बडे लोकतांत्रिक राष्ट्र के छात्र हितों तथा अधिकारों की लड़ाई में अग्रसर है। जहाँ भारत के दूसरे छात्र संगठन जाति, धर्म, सम्प्रदाय के आधार पर अपने कार्यों को अंजाम देते है वहीं भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन लोकतंत्र, समाजवाद, धर्मनिरपेक्षता के सिद्धान्तों को आधार बनाकर राष्ट्रहित एवं छात्र हितों के लिए कार्य करता है।
आजादी की लड़ाई में कांग्रेस पार्टी से जुड़े युवा छात्रों ने हमेशा अपनी अग्रिम भूमिका निभाई। जहाँ दूसरे संगठन संप्रदाय, धर्म, जाति के बीच लोगों को लड़ाने की बात करते थे बहीं भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने आपसी मतभेदों को भुलाकर राष्ट्रवाद, धर्मनिरपेक्षता और समाजवाद की सिद्धान्तों पर कार्य किया। यही सिद्धान्त एनएसयूआई की आधारशिला बनीं। कांग्रेस पार्टी ने महसूस किया कि स्वतंत्र भारत में वामपंथी पार्टियों ने छात्र संगठनों के जरीये देश में चक्काजाम और बंद की राजनीति को अंजाम देना शुरू किया वहीं RSS से जुड़े संगठनों ने सांप्रदायिक राजनीति को हवा देने की कोशिश की। ऐसी परिस्थियों में देश के धर्मनिरपेक्ष-राष्ट्रभक्त युवा नें महसूस किया गया कि छात्रों की समस्याओं और मुद्दों के समाधान हेतु भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस से जुड़ा ऐसा छात्र संगठन होना चाहिए छात्र हितों के लिए लड़ाई लड़े। गाँधी के आदर्शों तथा नेहरू के पंचशील के सिद्धान्तों में विश्वास रखे।
गौरतलब है कि केरल तथा पश्चिम बंगाल में कांग्रेस की विचारधार के आधार 1953 तथा 1955 में क्रमश: केरल स्टूडेड़ यूनियन (KSU) तथा छात्र परिषद(CP) का निर्माण हुआ था। उपरोक्त दोनों छात्र संगठनों के आधार पर भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन की नींव रखी गई। केरल स्टूडेंट यूनियन तथा छात्रपरिषद के झंडों के मिलन से एनएसयूआई झंडे का निर्माण हुआ। इंदिरा जी का मानना था कि छात्र संगठन को कि रीति नीति और कार्यों को स्वतंत्र प्रभार के रूप में ही रखा जाए। उपरोक्त आधारों पर इंदिराजी ने NATIONAL SUTDENTS’ UNION OF INDIA (NSUI) यानि भारतीय राष्ट्रीय छात्र संगठन को 9 अप्रेल 1971 को मूर्त रूप प्रदान किया। एनएसयूआई गाँधी-नेहरू-अंबेडकर के आदर्शों में विश्वास करती है तथा शांतिपूर्ण सहअस्तित्व की रीति-नीति पर अपना कार्य करती है। एनएसयूआई के पदाधिकारीयों से उम्मीद की जाती है कि वे संगठन की योजनाओं तथा कार्यक्रमों में पूर्ण विश्वास रखेगें। वे अपने कार्यों के प्रति निष्ठा तथा ईमानदारी के जरीये समाज में आदर्श प्रस्तुत करे तथा ज्ञान के प्रसार-प्रचार में अपनी महत्वपूर्ण भूमिका निर्वाह करेंगे।

‘जागो जगाओं – मतदान कराओं’
एनएसयूआई यह मानती है कि वर्तमान की परिस्थितियों को देखते हुए हिंसा और आतंक की राजनीति करने वाले संगठनों से सख्ती से निपटा जाए। हम गाँधी के आदर्शों की पालना करते हुए सहज जीवन और ज्ञान का प्रसार-प्रचार का कार्य करे। देश में हिंसा, आतंक, नशे और भ्रष्ट्राचार से लड़ने में सबसे आगे रहे। हम अपनी इस भूमिका निर्वाह तभी कर सकते है जब बेहतर सरकार-बेहतर नेतृत्व के लिए बेहतर मतदान करें। भारत के पूर्व प्रधानमंत्री राजीव गाँधी ने 18 वर्ष की उम्र में मतदान का अधिकार देकर युवाओं-छात्रों को मजबूती प्रदान की। अपनी सरकार खुद चुननें का मौका दिया लेकिन आज भी अनेक छात्र-युवा-नागरिक अपने मतदान अधिकार का इस्तेमाल नहीं करते है। हमें अपना कर्तव्य समझ कर मतदान के अधिकार का इस्तेमाल करना चाहिए। सम्मानित, सुरक्षित और समृद्धिशील भारत के निर्माण के लिए मतदान के अधिकार का इस्तेमाल कर हम अपनी सृजनात्मक भूमिका का निर्वाह कर सकते है। इस सोच को मूर्त रूप तभी दिया जा सकता है अब आज का छात्र- युवा अधिक से अधिक मतदान में भागीदार बनें। अतः आपसे अपील है कि मतदान के प्रति स्वयं जागे, जागरूख बने तथा अपने परिवार के लोगों को जगाए, मतदान कराएँ यानी जागों जगाओं – मतदान कराओं।

‘हिंदू मुस्लिम सिख्ख ईसाइ-मतदान करों सब मेरे भाई!’

शिक्षा के क्षेत्र में यूपीए सरकार के निर्णय
यूपीए सरकार ने शिक्षा को सर्वोच्च प्राथमिकता प्रदान करते हुए शिक्षा बजट को 7,024करोड़ (2003-04) से बढ़ाकर 34,000 करोड़ रूपये किया। 11 वी. पंचवर्षीय योजना में यह राशि पांच गुणा बढ़ाकर 2,75000 करोड़ होगी।

उच्च एवं व्यवसायिक शिक्षा
 उच्च शिक्षा के क्षेत्र में 30 नये केन्द्रीय विश्वविद्यालयों की स्थापना, जिसमें 19 का अनुमोदन हो चुका है। अब हर राज्य में एक केन्द्रीय विश्वविद्यालय होगा।
 आठ नये आईआईटी केन्द्र स्थापित करने की योजना।
जिसमें से एक आईआईटी राजस्थान में भी खुलेगा।
 तीन IIT(मोहाली, पुणे और कोलकाता). संस्थानों, दो IISER. और दो प्लानिंग और आर्किटेक्चर स्कूलों की स्थापना हो चुकी है।
 केन्द्रीय उच्च शिक्षा संस्थानों में 54% सीट वृद्धि के साथ 27% ओबीसी आरक्षण क्रमबद्ध रूप से लागू। जिससे सभी वर्गों को समान रूप से अवसर प्राप्त हो।
 केन्द्रीय विश्वविद्यालयों में अध्ययन शोद्यार्थीयों को प्रतिमाह 3000 तथा 5000 रूपये की छात्रवृत्ति
 SC/ST के शोद्यार्थीयों के लिए राजीव गाँधी नेशनल फैलोशिप योजना के तहत प्रतिमाह 12,000 -14,000 रूपये की छात्रवृत्ति
 दुनिया के सबसे बड़े शैक्षिक ऋण कार्यक्रम के तहत पिछले पांच वर्षों में 15 लाख विद्यार्थियों को 26 हजार करोड़ रूपये विभिन्न व्यवसायिक पाठ्यक्रमों के लिए प्रदान किए गए।
 300 आई.टी.आई.(औद्योगिक प्रशिक्षण संस्थान) के उन्नयन के लिए 750 करोड़ का आवटंन
 राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन - युवाओं के लिए रोजगार के अवसर बढ़ाने तथा उन्हें कुशल बनाने हेतु राष्ट्रीय कौशल विकास मिशन की योजना बनायी गयी। जिसके तहत 11 वी. पंचवर्षीय योजना में 31,000 करोड़ का प्रावधान।
 कौशल विकास कार्यक्रम के अंतर्गत 90,000 प्रशिक्षार्थियों को प्रति वर्ष प्रशिक्षित किया जाता है। अनुसूचित जाति तथा अनुसूचित जनजाति के प्रक्षिणार्थियों को निःशुल्क प्रशिक्षण प्रदान किया जाता है।
 प्रत्येक जिले में नेहरू युवा केन्द्र, 123 जिलों के लिए 10 करोड़ का आवंटन
 1500 नये आई टी आई की स्थापना का कार्य जारी

स्कूली शिक्षा
 निःशुल्क एवं अनिवार्य वाल शिक्षा विधेयक, 2008 संसद में पेश किया गया।
 सर्व शिक्षा अभियान हेतु 11 वीं. पंचवर्षीय योजना मंो 71,000 करोड़ रूपये की राशि आवटिंत।
परिणामस्वरूप स्कूल छोड़ने वाले विद्यार्थियों की संख्या 320 लाख से घटकर 76 लाख हो गयी है।
 माध्यमिक शिक्षा के लिए 4,554 करोड़ का प्रावधान
 11 वी. पंचवर्षीय योजना में राष्ट्रीय माध्यमिक शिक्षा मिशन हेतु 35,000 करोड़ का प्रावधान
 मध्याह्यन भोजन कार्यक्रम के जरिये प्राथमिक और उच्च प्राथमिक स्कूलों के 12 करोड़ बच्चों को पौष्टिक भोजन।
 उच्च गुणवत्ता आदर्श स्कूल योजना के तहत 6,000 नये स्कूल खोले जा रहे है।
 1 लाख 81 हजार नये स्कूलों की स्थापना हुई।
 7.38 लाख शिक्षकों की नियुक्ति।
 1.5 लाख पाठशाला भवन और 5.8 लाख अतिरिक्त कक्षाओं का निर्माण।
 5.78 करोड़ बच्चों को प्रति वर्ष नि:शुल्क पाठ्यपुस्तकों का वितरण ।
 कस्तूरबा गाँधी बालिक विद्यालय योजना के अंतर्गत 1,82,000 बालिकाओं का आवासीय स्कूल में प्रवेश.
 राष्ट्रीय साधन सह योग्यता छात्रवृत्ति योजना के तहत सातवीं कक्षा के आगे पढ़ने वाले छात्रों को 1 लाख छात्रवृत्तियाँ।

राजस्थान सरकार के बढ़ते कदम
हर कदम पर राजस्थान बुलंद

 बालिक शिक्षा को प्रोत्साहन हेतु 20 नये छात्रावास
 सर्वशिक्षा अभियान में 7800 द्वितीय श्रैणी अध्यापक, 8816 तृतीय श्रैणी अध्यापक एवं 613 प्रवोधकों के पदो का सृजन एव भर्ती की स्वीकृति।
 अनु. जाति के छात्र/छात्राओं के आवासीय विद्यालय के निर्माण हेतु आगामी वर्ष में 2 करोड़ का प्रावधान
 स्वयंसेवी संस्थाओं के माध्यम से अनु. जाति/जनजाति/घुमन्तु बच्चों की शिक्षा के लिए आगामी वर्ष में 50 लाख का प्रावधान
 मदरसों में रिक्त 955 पद तथा 2500 अतिरिक्त सामान्य शिक्षा सहयोगीयों के पदों को भरनें की स्वीकृति।
 उदयपुर मेडिकल कॉलेज में सहायक आचार्य, सह आचार्य वे लेक्चरर के 20 नये पदों का सृजन

शिक्षा हमारी प्राथमिकता
रोजगार हमारा अधिकार

Saturday, January 10, 2009

HIBI EDEN BECOMES THE NEW PRESIDENT OF NSUI




We are Congratulate HIBI EDEN, President Kerala Student's Union, for becoming the NSUI NATIONAL PRESIDENT.After Ramesh Chennitla and Mohan Gopal hibi is the third person from kerala to become the National President of NSUI.

NSUI History


NSUI is today, not only India’s, but one of the world’s largest students’ movements. What’s more important, is that NSUI is the only students’ movement in the world’s largest democracy, that seeks to be a representative of each and every student of this country. Whereas most other organizations are based on policies that inevitably alienate and exclude certain sections of the society, NSUI believes in pursuing a truly inclusivist, pluralist and a totalitarian agenda. The premiere students’ body seeks to represent the hopes and aspirations of millions of India students, irrespective of their caste, creed, regional, religious or linguistic identities.